Monday, 13 June 2016

अटकळ से ली गई सेल्फ़ी , अब जैसी भी आई डाल दी ब्लॉग पर और तो क्या करता !

ये तब की बात है जब आई टैब मिनी हासिल नहीं हुआ था  और मैं टैब से कुछ अटकलपच्ची करता रहता था , संग्रह से ली गई फ़ोटो जड़ने पर पोस्ट फ़ेल हो जाया करती थी । अपण भी लगे रहते  और हुआ ये कि फ़्रंट कैमरा से अपनी ही फ़ोटो ले डाली । जैसी भी थी कर दी अपलोड और क्या करता ।
अब दोहराऊँगा अपना तकिया कलाम :
" ये तो बार की बात छै माट साब फेर तो  थे जाणो ......" 😊

1 comment:

  1. ये तो बार की बात छै माट साब , फेर तो थे जाणो ....

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