Friday, 8 June 2018

जयपुर डायरी : बड़े आदमी - राहुल के ताऊ .

बड़े आदमी - राहुल के ताऊ ।

पिछली शताब्दी के अन्त में हम लोग जयपुर के बापूनगर में आकर रहने लगे । जनता स्टोर डेरी पर आना जाना शुरु हुआ । डेरी वाले राहुल से छोटे भाई के बेटों ने मुझे मिलवाया ," ये हमारे ताउजी हैं ।"  राहुल भी मुझे ताउजी  कहने  लगा । पत्नी को वो ताईजी कहने लगा ।हमारे डेरी पर जाने पर राहुल बड़ा खुश होता ।एक दिन एक ग्राहक ने राहुल से पूछा ,' इनको तूने ताउजी बना रक्खा है ?' "हैं ही ताउजी ", राहुल बोला ।मैं राहुल का ही नहीं डेरी वाले सब लोगों का  ताउजी बन गया था । एक दिन राहुल के भाई राजू ने पूछा ' ताऊ जी आजकल आते नहीं हो ?'  'सुबह तो आया ही था ' मैं बोला । 'हमें भी सेवा का मौका दीजिये ' वो बोला ।

अब मैं जब भी डेरी पर जाता कहकर आता ,' बता देना ताऊ जी आये थे ।'

आस पास के दूकानदारों को भी मैं कहता ,'मैं राहुल का ताऊ हूँ ।' मेरी नयी पहचान बन गयी थी । अब मैं राहुल का ताऊ था ।

एक दिन राहुल तो नहीं था राजू भी नहीं था लेकिन एक वय प्राप्त व्यक्ति डेरी के काउंटर पर बैठा था । मैंने आदतन उसे भी कह दिया 'मैं राहुल का ताऊ हूँ ।'

"सीधी बात  करो न स़ाब , आप  मेरे बड़े भाई हो ।"

वह बोला ।
ब्लॉग पर सचित्र प्रकाशन

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