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😊😊” तसवीर बनाता हूं तस्वीर नहीं बनती .
मुझसे तो मेरी बिगड़ी तकदीर नहीं बनती .”😢😢
आत्म प्रलाप : 😢
क्या चक्कर है सुमन्त ?
चक्कर क्या है , एक ही चक्कर है बच्चों से कह कहवा कर अपना एक ब्लॉग तो बनवा लिया पर जब भी कोई तसवीर जोड़कर कुछ पोस्ट करने की कोशिश करता हूं जवाब मिलता है ,” पोस्ट फेल्ड “, और ये देखकर करम पीट लेता हूं .
अरे जब मेरे लिखे में कोई ऐतराज नहीं तो मेरी जोड़ी हुई तसवीर में भला क्या ऐतराज है , एक तो घर में ही टोका टाकी से परेशान कि ये तसवीर क्यों लगा दी मानो सारे भूचाल मेरे तसवीर लगाए से आते हैं और ऊपर से ये अड़ंगेबाजी , खैर अब जो है सो है .
😢😢😢😢😢😢😢😢😢
पर इस सब में एक उजला पक्ष भी तो देखा जा सकता है वो ही सोच सुमन्त , बात ये कि मैं कैमरा के चित्र की बजाय अपने लिखे से ही चित्र का भाव उत्पन्न करूं और बनाऊं स्मृतियों के चलचित्र .
आप में से कई एक ने ये कहकर मेरा उत्साह बढ़ाया है कि मेरा लिखा पढ़ते हुए उन्हें दृष्य दिखाई देने लगते हैं , ऐसा अनुभव होता है जैसे घटना सामने ही हो रही है अगर ऐसा होता है तो मैं अपनी किस्सागोई में सफल हुआ . ये जताने के लिए आभार आप सब का .
तो अब हालात की मजबूरी के चलते अपना रवैया ये ही रहेगा कि फेसबुक पर चाहे कोई फोटो आ अवा जाए ब्लॉग पर तो फकत लिखा हुआ ही आएगा , न आई सही कैमरे की तस्वीर .
पर ऐसी बिगड़ी तकदीर कोई हमेशा नहीं रहने वाली , किसी दिन तो जय भैया मुझे ये सिखाने आएगा ही कि ब्लॉग लेखन के साथ तसवीर का मेळ कैसे बैठाया जा सकता है ! देखे जाओ आप लोग कि क्या क्या गुल खिलते हैं .
जय भीम .
भविष्य के प्रति आशान्वित ,
सुमन्त पंड्या
जयपुर
14 अप्रेल 2016 .
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