Sunday, 17 April 2016

कहां कहां मिल जाते हैं लोग ! : बात बनस्थली की . .😊😊😊

💐💐कहां कहां मिल जाते हैं लोग : 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

बनस्थली डायरी  : कहां कहां मिल जाते हैं लोग ! 😊😊💐💐💐💐💐
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#sumantpandya

#बनस्थलीडायरी         #मुखर्जीनगर

आज की चर्चा में संगीत नहीं है , पिछले तीन दिन की तरह ,  पर संगीतज्ञ जरूर है , इसलिए ही ये शीर्षक है .
छोटे वाले ने दिल्ली में मकान बदला , विजय नगर से छोड़कर मुखर्जी नगर के एक मकान में आ गया . मकान दिलवाते  वक्त  ब्रोकर सब बात पूछते हैं - आपका नाम , बाप का नाम , गांव का नाम , क्या करते हो ? वगैरा . इसी प्रसंग में बनस्थली का ज़िक्र आया तो सरदार जी ब्रोकर ने उसे कहा कि कुछ साल पहले उसने बनस्थली के ही एक सज्जन को भी पड़ोस में मकान दिलवाया है . मकान नंबर भी बताया , खैर उस समय तो वो बात हुई और रह गई .
जब पिछले साल एक बार  हम लोग भी वहां पहुंचे तो फिर यही जिक्र आया और  छोटा वाला निकल पड़ा उसी सूत्र को खोजने . जाने कहां गए मिहिर और सुमन हमें भी बताकर नहीं गए , उनका इरादा उस बनस्थली वाले को साथ लेकर आने का और माता पिता को सरप्राइज देने का था .
मैंने फोन किया तो ये बोला ," अभी आते हैं."

उधर जब लक्षित मकान पर  दोनों पहुंचे तो एक बुजुर्ग  ने दरवाजा खोला और   मेरा नाम सुनकर वो बोले :
" तुम तो छुटकू हो  ? "

आ गई बात समझ में कि इसके बचपन के ही जानकार  और कोई अपने हैं ,वरना यहां दिल्ली में कौन ऐसे बोलेगा भला .

लौटकर आया  छुटकू और बोला :

"  पापा  मम्मी आपको ही उधर चलना पड़ेगा , वो बनस्थली वाले आप से बड़े हैं. "

खैर हम दोनों वहां गए और बहुत देर वहां बैठे  . वो निकले संगीत विभाग के आर डी वर्मा  और उनकी तीनों पीढ़ियों से वहां मिलना हुआ . बेटा राजीव अब दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाता है और सितार वादन की उसी विधा में   आगे बढ़ा है , जिसके लिए  बड़े वर्मा जाने जाते रहे .
उस शाम हम थे तो दिल्ली में पर हमारी  संयुक्त  मनोयात्रा बनस्थली की ही रही . नई पुरानी  बहुत बातें हुईं .
पुराने लोग ऐसे ही अनायास मिल जाया करें तो कितना अच्छा रहे , इसी मनोकामना के साथ -

प्रातःकालीन सभा स्थगित .
इति.
सहयाManju Pandya Pandya
सुप्रभात .
Good morning.

सुमन्त
आशियाना आंगन , भिवाड़ी .
शनिवार 18 अप्रेल 2015 .
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अपडेट :
पिछले बरस आज के दिन दिल्ली से लौटकर भिवाड़ी में लिखी थी ये पोस्ट . मुझे लगा कि इसे सहेजने की जरूरत है अतः इसे फिर से प्रचारित करने और ब्लॉग पर दर्ज करने जा रहा हूं .
मुझे भरोसा है कि आज जैसे तैसे , कैसे न कैसे नियमित पोस्ट भी बन पाएगी और तब फिर फेसबुक मंच पर आऊंगा .
राहुल की डेयरी पर जाने का मुहूर्त्त निकाला जा रहा है अतः प्रातःकालीन सभा तत्काल प्रभाव से स्थगित करते हुए आप सब का अभिवादन करता हूं .
सुप्रभात .
सुमन्त पंड्या .
@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .
सोमवार 18 अप्रेल 2016 .

1 comment:

  1. आज फिर मुलाक़ात हुई वर्मा साब से । एक मुलाक़ात से मन नहीं भरा । फ़ेसबुक पर तो पोस्ट लिखी है , ब्लॉग पर और लिखूंग़ा बातें इस मुलाक़ात को आधार बनाकर । दिल्ली में रहते अभी और मुलाक़ात होगी ।

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