संगीत से मेरा वास्ता :😊😊😊 #बनस्थलीडायरी 👌👌👌
**************** *************
बनस्थली डायरी : संगीत से मेरा वास्ता - ( भाग दो .) 😊😊 💐💐
************* ****************
#sumantpandya
#बनस्थलीडायरी #संगीतसेमेरावास्ता
पहले पहले साल मैं 14 अरविन्द निवास में रहा . वहीं पीछे की लाइन में 28 नंबर में संगीत के पटवर्धन साब रहा करते थे . रात कभी मैं चौक में निकलता तो उधर से पटवर्धन साब का गायन सुनाई देता था .
इसी सत्र में मेरा विवाह तो हो चुका था पर मैं पहले की तरह ही हरि भाई और भाभी के पास ही रह रहा था . मिसेज पटवर्धन बराबर से निकल कर जा रही होतीं और मैं घर के बाहरी बरामदे में बैठा होता तो वे मुझे टोकतीं :
" किसी की याद में खोए हुए हो? "
"स्वाभाविक है !" मेरा उत्तर होता .
मेरा उत्तर सुनकर वो बहुत खुश होतीं .
लगभग तेरह महीन बाद हरि भाई भाभी तो जयपुर आ गए . इस बीच मैं और जीवन संगिनी 44 रवीन्द्र निवास में आ बसे . हरि भाई और भाभी से संबंधों की प्रगाढ़ता आगे जारी रखते हुए एक दिन पटवर्धन परिवार के सब लोग 44 रवीन्द्र निवास में हमारे घर आए . उनकी दोनों बेटियां - उषा और संध्या भी मां बाप के साथ आईं और उसके बाद तो वे लोग जब तक रहे बहुत आना जाना रहा .
जब पहली बार वे लोग हमारे घर आए तो जीवन संगिनी कहने लगी :
" मेरे पिता जी को भी संगीत में बहुत आनंद आता है , वो अलवर के श्रुति मंडल से जुड़े रहे हैं "
यह सब जानकर पटवर्धन साब बहुत खुश हुए और उसी दिन यह भी तय कर दिया कि जब भी माता पिता आएंगे वो इसी घर में संगीत का एक आयोजन रखेंगे .
जब तय ही था तो उनके आने पर संगीत का आयोजन रखा गया . पटवर्धन साब के साथ उनके सक्षम संगतकार भी आए , अड़ोसी पड़ोसी भी सुनने आए . पहली बार मैं जाना कि गायन कितनी बड़ी साधना है .
जिस रात गाना हो गायक को रात का भोजन तो रद्द ही करना पड़ता है .
देर रात तक संगीत की महफ़िल चली .
इस में मेरी भूमिका तो केवल सप्लाई लाइन सम्हालने की थी . यह कि नियत समय पर मैं कॉफी और कुछ हलके स्नैक्स सर्व कर दूं .उसमें भी मेरी समझ कितनी थी यह आगे के वृत्तांत में...
बहर हाल उस दिन की उनकी आखिरी बंदिश के बोल मुझे आज भी याद हैं:
"..करत ठिठोरी संग की सहेलियां...."
अनायास स्थगित ..
इति प्रातःकालीन सभा .
बनस्थली के आनंद दायक समय को
याद करते हुए .
☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺
सहयोग और समर्थन : मंजु पंड्या . ( Manju Pandya )
सुमन्त
आशियाना आँगन, भिवाड़ी.
गुरुवार 16 अप्रेल 2015 .
******************************************************************
ये गए बरस भिवाड़ी से लिखी पोस्ट है जो फेसबुक ने अपने संग्रहागार से दिखाई है .
ReplyDeleteआप सबने इसकी सराहना की थी एतदर्थ आभार , लगता है इसकी शायद और अगली कड़ी भी कल के दिन देखने को मिलेगी . अभी हाल ये फिर से चर्चा के लिए प्रसारित .
विचार तो ये भी है कि इस में हीरा मोती लगाकर ब्लॉग पर प्रकाशित कर देवूं , देखिए कितना संभव हो पाता है .
अथ श्री नैटाय नमः .
जयपुर
शनिवार 16 अप्रेल 2016 .
आभार ब्लॉगर
ReplyDeleteये गए बरस भिवाड़ी से लिखी पोस्ट है जो फेसबुक ने अपने संग्रहागार से दिखाई है .
ReplyDeleteआप सबने इसकी सराहना की थी एतदर्थ आभार , लगता है इसकी शायद और अगली कड़ी भी कल के दिन देखने को मिलेगी . अभी हाल ये फिर से चर्चा के लिए प्रसारित .
विचार तो ये भी है कि इस में हीरा मोती लगाकर ब्लॉग पर प्रकाशित कर देवूं , देखिए कितना संभव हो पाता है .
अथ श्री नैटाय नमः .
जयपुर
शनिवार 16 अप्रेल 2016 .
ये गए बरस भिवाड़ी से लिखी पोस्ट है जो फेसबुक ने अपने संग्रहागार से दिखाई है .
ReplyDeleteआप सबने इसकी सराहना की थी एतदर्थ आभार , लगता है इसकी शायद और अगली कड़ी भी कल के दिन देखने को मिलेगी . अभी हाल ये फिर से चर्चा के लिए प्रसारित .
विचार तो ये भी है कि इस में हीरा मोती लगाकर ब्लॉग पर प्रकाशित कर देवूं , देखिए कितना संभव हो पाता है .
अथ श्री नैटाय नमः .
जयपुर
शनिवार 16 अप्रेल 2016 .
ये गए बरस भिवाड़ी से लिखी पोस्ट है जो फेसबुक ने अपने संग्रहागार से दिखाई है .
ReplyDeleteआप सबने इसकी सराहना की थी एतदर्थ आभार , लगता है इसकी शायद और अगली कड़ी भी कल के दिन देखने को मिलेगी . अभी हाल ये फिर से चर्चा के लिए प्रसारित .
विचार तो ये भी है कि इस में हीरा मोती लगाकर ब्लॉग पर प्रकाशित कर देवूं , देखिए कितना संभव हो पाता है .
अथ श्री नैटाय नमः .
जयपुर
शनिवार 16 अप्रेल 2016 .