Friday, 20 October 2017

पोस्ट आफिस का लोप : ठेकेदारी का उभार -- शेष भाग .

पोस्ट ऑफिस का लोप : ठेकेदारी का उभार ~ भाग तीन .

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#पोस्ट_ऑफिस_का_लोप


     इस शीर्षक से पहली और दूसरी पोस्ट में मैंने ये बताने का प्रयास किया था कि बापू नगर के जनता स्टोर परिसर से पोस्ट ऑफिस को नदारद देखकर मुझे अटपटा लगा था और मैं वहीँ के कूरियर सेवा एजेंट कैलाशजी के पास पहुंचा था इस लोप के बाबत जानने को . चूंकि कैलाश जी के साथ बैठकर थोड़ी देर में बहुत सी बातें हुई थीं तो उनका भी उल्लेख करूंग और डाक तार विभाग से अपने पुराने वास्ते का भी .


क्या क्या बात हुई :

------------------ बहुतेरी बातें हुईं जिनमें से कुछ एक बताता हूं .

 मैं ने कहा कि जिस जगह पोस्ट ऑफिस था इमारत थी तो बहुत जर्जर अवस्था में पर मरम्मत हो जाती और चलता रहता पोस्ट ऑफिस तो बढ़िया रहता . इस पर कैलाश जी बताने लगे :

" मकान मालिक और सरकार के बीच मुक़दमा चल रहा था सर , सरकार हार गई और मालिक मकान जीत गया इसलिए खाली करना पड़ा पोस्ट ऑफिस को यहां . "

 कैलाश जी ये भी बोले :

" मेरा भी खाता था इस पोस्ट ऑफिस में , आप यूनिवर्सिटी चले जाओ अगर अपना खाता संभालना है तो , वहां के इंचार्ज पोस्ट मास्टर भी बहुत अच्छे हैं . आपका काम हो जाएगा . " 

अब उनसे अपनी बाते साझा करना मुझे सहज लगा , मुझे लगा हम एक ही कश्ती में सवार हैं .

मैंने उनको बताया कि गाढ़े वक्त के लिए रुपल्ली दुपल्ली इस पोस्ट ऑफिस में रख छोड़ी थी अब जवाहर लाल नेहरू मार्ग जैसी व्यस्त सड़क पार करके जावूं वहां पर , जाने साबुत वन पीस में पहुंचूं के नहीं . इस पर कैलाश जी कहने लगे कि आगे के लिए गांधीनगर पोस्ट ऑफिस में खाता ले आना बेहतर रहेगा .

हम भी तो उस जमाने के लोग हैं जो पोस्ट ऑफिस की जमा को ज्यादा सुरक्षित मानते आए हैं और पोस्ट मास्टरों के पुराने हिमायती हैं . बैंकों का कारोबार जरा और तरह का होता है . पोस्ट ऑफिस तो बैंकों वाला काम करने के अलावा और बहुत से काम करते आए हैं .

अब पोस्ट ऑफिस तो यहां से गया ही मान लिया गया पर ये बात तो अभी और चलेगी ....

प्रातःकालीन सभास्थगित ...

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सुप्रभात .

सह अभिवादन : Manju Pandya

सुमन्त पंड्या .

गुलमोहर , शिवाड़ एरिया, बापू नगर , जयपुर .

20 अक्टूबर 2015 .

आज  ब्लॉग पर प्रकाशित 

जयपुर  २० अक्टूबर २०१७ .

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2 comments:

  1. जनता स्टोर वाले पोस्ट ऑफिस में मैंने भी बेरोजगारी के दौर में खूब स्पीड पोस्ट करवाई है
    एक मंदिर था वहां .....रोजगारेश्वर मन्दिर
    क्या अभी भी है वहां???

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  2. मंदिर तो अब भी है पार्क के बीच में पोस्ट आफिस ही चला गया सुरेंद्र .

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