Tuesday, 24 October 2017

जयपुर डायरी — गुरु चेला संवाद  

पंडित जी का चेले से संवाद -

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“ छोरा पठ्ठा तू ज्यां ज्यां न पंडत समझै छै मैं सै न मूरख समझूं छूं ।”


“ म्हाराज मैं तो थां नै भी पंडत ही समझूं छूं ।”

गुरुजी निरुत्तर !!!!

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पंडित जी का चेले से संवाद ---

“ छोकरे पठ्ठे तू जिन जिन को पंडित समझता है मैं सब को मूर्ख समझता हूँ ।”


“ महाराज मैं तो आपको भी पंडित ही समझता हूँ ।”

गुरूजी निरुत्तर !!!!!

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जयपुर 

बुधवार  २५ अक्टूबर २०१७ .

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