पंडित जी का चेले से संवाद -
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“ छोरा पठ्ठा तू ज्यां ज्यां न पंडत समझै छै मैं सै न मूरख समझूं छूं ।”
“ म्हाराज मैं तो थां नै भी पंडत ही समझूं छूं ।”
गुरुजी निरुत्तर !!!!
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पंडित जी का चेले से संवाद ---
“ छोकरे पठ्ठे तू जिन जिन को पंडित समझता है मैं सब को मूर्ख समझता हूँ ।”
“ महाराज मैं तो आपको भी पंडित ही समझता हूँ ।”
गुरूजी निरुत्तर !!!!!
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क़िस्सा आज ब्लॉग पर प्रकाशित 🔔🔔
जयपुर
बुधवार २५ अक्टूबर २०१७ .
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