गुलमोहर से सुप्रभात 🌹🌹
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आप सब को यह जानकर अपार हर्ष का अनुभव होगा कि बावजूव सारी विघ्न बाधाओं के मैंने सोशल मीडिया पर बने रहने का निश्चय किया है .
ये उपस्थिति वैसे तो स्वान्तःसुखाय है , हम हैं और जागे हैं ये सब को बताए देते हैं यहां आकर , आपको हमारी उपस्थिति से यदि कोई कंपनी मिलती है तो ये बाई प्रोडक्ट है इस उपस्थिति का कोई किसी पर अहसान नहीं है .
अब कुछ अट्ट पट्ट बातें :
1
रात को जो लोग अनिद्रा के शिकार होते हैं उन्हें सोये हुए सब लोग अपने दुश्मन जैसे लगते हैं ये मानव स्वभाव है और जब लोग जागते हैं तो मित्रवत लगने लगते हैं . इससे अरस्तू की पुरानी कही बात की ही पुष्टि होती है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है .
सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है जहां चौबीसों घंटे जगार रहती है और ये सामाजिकता बरकरार रह सकती है . पर फिर वो ही बात लोग भी तो सब तरह के हैं समाज में ही असामाजिक प्राणी भी पाए जाते हैं , रात बिरात खोटी भी कर सकते हैं .
2
भोर में जागने वाले प्राणी भी इसी समाज में पाए जाते हैं , मैं भी उनमें से एक हूं , ये प्राणी कई प्रकार के होते हैं जैसे मंदिर जाने वाले , घूमने जाने वाले , बागों में जाकर व्यायाम और हा हा ठी ठी करने वाले इत्यादि इत्यादि . अरे तो तू कौन है सुमन्त ? मेरा प्रयास होता है बागों में जाकर और वहां बैठकर जाने अनजाने लोगों से अटकना और इसी सामाजिकता का विस्तार करना . देखते हैं आज क्या ढब बैठता है .
स्टेटस होने को तो अधूरी रही पर आज फिर मोती पार्क जाने का समय हो गया तो सब बात स्थगित करता हूँ , कोशिश होगी कि कोई और स्टेटस ठेल देवूं आगे से लौटकर .
3
अब कल से मोबाइल फोन बंद है तो हुआ करे कोई बागों में जाना बंद थोड़े करेंगे , रजनीश कुछ भी कहवे . आखिर तो बागों में बहार है .
4
प्रातःकालीन सभा का की नोट मैंने डाल दिया है अब आप जो चाहो अटको यहां सामाजिकता की यही दरकार है और क्या ?
चलता हूं , लौटकर बात में बात मिला दूंगा
अब कुछ न कुछ तो करना ही है .
सुमन्त पंड्या
@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .
मंगलवार 25 अक्टूबर 2016 .
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आज ये स्टेटस ब्लॉग पर प्रकाशित —
जयपुर
२५ अक्टूबर २०१७ .
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आज इस ब्लॉग पोस्ट को फिर से चर्चा का प्रस्थान बिंदु बनाया है ।
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