फ़ेसबुक संग्रहागार ने आज याद दिलाया ये क़िस्सा तो लगा इसे ब्लॉग पर होना चाहिए ।
शिव धनुष किसने तोडा ?
स्कूल में इन्स्पेक्टर साब निरीक्षण के लिए आए थे . एक कक्षा में किसी विद्यार्थी से उन्होंने पूछा :
" बताओ शिव धनुष किसने तोड़ा ... ?"
(प्रश्न पुस्तक के पाठ से ही सम्बंधित था , यह स्पष्टीकरण यहां आवश्यक है )
विद्यार्थी थोड़ा सा सहम कर बोला :
"साब , मैंने तो नहीं तोड़ा ..."
उत्तर से संतुष्ट न होकर साब कक्षा के अध्यापक की ओर मुड़े और इस बाबत जानना चाहा तो अध्यापक कुछ इस प्रकार बोले ;
" ये लड़का शैतान है , चाहे मने कर रहा हो , जरूर इसने ही तोड़ा होगा ."
इन्स्पेक्टर साब उत्तर से थोड़ा अचम्भे में पड़े और इस बाबत प्रधानाध्यापक जी से स्पष्टीकरण चाहा तो वे कुछ इस प्रकार बोले :
" साब असावधानी में टूट फ़ूट हो जाती है , अब जो हो गया सो हो गया .
आज आप भी यहां आए हुए हैं , आदेश दे दीजिए ' राइट ऑफ ' कर देते हैं . "
अब कोई अतिरिक्त स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं थी . कूए में ही भांग पड़ी हुई थी . ( शिव भक्तों से विशेष क्षमा याचना .)
ये किस्सा मैंने एक सेमीनार के दौरान वर्ष 1974 में सिंधिया पब्लिक स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल खानोलकार साब से सुना था जो आज अपनी याद से दोहराया है .
यहां दोहराने का मकसद किसी भी समूह का दिल दुखाने का नहीं है .
लेकिन आप मानेंगे कि चाहे ये बात कुछ अतिशयोक्तिपूर्ण लगे इससे मिलते जुलते उदाहरण आज भी मिल जाते हैं .
विलम्ब से हुई प्रातःकालीन सभा स्थगित .
इति .
समर्थन : Manju Pandya
सुमन्त पंड़्या
(Sumant Pandya )
आशियाना आंगन , भिवाड़ी .
28 अप्रेल 2015 .
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आज ब्लॉग पर प्रकाशित
डूंगरपुर २८ अप्रेल २०१७ ।
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