Monday, 10 April 2017

बेदला से उदयपुर  : मूं  वेंड्यो कशान   ...  ?

बेदला से उदयपुर 😊😊

  #sumantpandya #उदयपुरडायरी


         😊😊बेदला से उदयपुर : “ मूं वेंड्यो कशान ? “ 👍👍

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   भोले ग्रामीण और उनके अनोखे तर्क , उनकी विशिष्ट अभिव्यक्ति मुझे बचपन से आकर्षित करती आई है . 

 ऐसी ही कई एक बातें उस दौर की याद आ जाती हैं जब 1962 - 63 के दौरान हम लोग उदयपुर में रह रहे थे . 

अधिकांश समय हम लोग रहे भूपालपुरा में जे रोड पर बाबूजी बोहत लाल जी धाकड़ के मकान में , अब तो बाबूजी और बाई जी दोनों ही स्मृति शेष हैं ,हमारे काकाजी और अम्मा भी नहीं रहे पर वहां की उस समय की कई बातें हैं , उदयपुर समय समय पर जाना हुआ तो भूपालपुरा में घूमते हुए बचपन बहुत याद आया .

एक दिन की बात :

**************** एक भोला ग्रामीण जो बेदला से सर पर एक खाट लादकर आया था , या कहिए खाट लादकर लाया था , आया और उसने खाट बाई जी को सुपर्द की , अब वो थोड़ा विश्राम करना चाहता था , खाट बेदला से बाबूजी के काको सा ने भिजवाई थी . 

उधर बाई जी अम्मा को बताने लगी :

 “ काको सा चालता आदमी हूं काम करावै .

  अरै तू उदयपुर जई रियो है कांई ?

 म्हारो मांचो परो लेई जा . “

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अर्थात :

    अरे तू उदयपुर जा रहा है क्या ?

 जा रहा है तो मेरी खाट वहां ले जा , पंहुचा दे .

इस प्रकार काको सा राह चलते आदमी को काम सौंप देते हैं .

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खैर खाट तो आ गई , डिलीवरी हो गई भूपालपुरा में और ये ग्रामीण बाई जी से बोला :

  “ वाहदे दे द्यो , वाहदे ! “

अभिप्राय था उसे बीड़ी सुलगाने को आग चाहिए थी . बाई जी ने अंगीठी से निकाल कर एक अंगारा उसे दे दिया चिमटे से उठाकर . बीड़ी तो उसने सुलगा ली पर बजाय एक तरफ करने के अंगारा फर्श पर ही छोड़ दिया और लगा बीड़ी पीने . इस बीच आते जाते उसी अंगारे पर बाई जी का पैर पड़ गया , पड़ गया फफोला और उसकी फर्स्ट एड करनी पड़ी . इस ग्रामीण को बाई जी बोलीं :

😊 “थां वेंड्या ही रह्या बा सा ! “

और इसके जवाब में बोला ये ग्रामीण :

😊 “ मूं वेंड्यो कशान ? मगरा मांय सार ( चार ) तो अंग्रेजी साय ( चाय ) पीन आयो हूं . “

माने वो मार्ग में चार अंग्रेजी चाय पीकर आया है तो भला पगला कैसे हुआ ?

बहुत याद आते हैं वे दिन और वे लोग .

अगला किस्सा होगा : " वेंड्यो ही रह्यो परताप सिंह " अगली किसी पोस्ट में .

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सुप्रभात .

सुमन्त पंड्या 

 @ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .

 सोमवार 11 अप्रेल 2016 .

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जय भोले नाथ ।🔔🔔  गुलमोहर कैम्प से सुप्रभात 🌻

गए बरस आज के दिन भोले ग्रामीण की ये कहानी लिखी थी  । आज इसे ब्लॉग पर दर्ज कर रहा हूं , देखिएगा ।

अब अगला पड़ाव होगा नेहरू गार्डन में ...

शिवाड़ एरिया में भोर की सभा स्थगित .....

जयपुर 

मंगलवार ११ अप्रेल २०१७ .

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