Sunday, 9 April 2017

म्हे अ हैगा छां : जयपुर डायरी .

👍👍 “....... म्हे  अ हैगा छां ! म्हां नै  एक जोड़ …. दिवा ल्या .”  👌👌👌




  #sumantpandya   #जयपुरडायरी 




सत्ता परिवर्तन के बाद ठाकुर साब को  जब अपनी राजनैतिक सामर्थ्य के अनुरूप एक सम्मान जनक नियुक्ति का पत्र मिला तब की बात है  .




ठाकुर साब गांव से चलकर जयपुर आए और  पहुंचे गांव के एक पढ़े लिखे युवक के पास  और अपने हाथ का एक रुक्का दिखाकर जो कुछ बोले उसका अभिप्राय स्पष्ट ही है . वे बोले  :




☺” पिरोत जी का भाया  ! म्हे अ हैगा छां  , कोई न काम दे सकां छां  , कोई को भी एक्सक्लेशन ( explanation )   काल कर सकां छां  , तू चाल अर म्हां नै एक जोड़ धोती कुर्ता दिवा ल्या . “




पिरोत जी का भाया गए और उन्हें जोड़ दिवा लाए  और अगले दिन ठाकुर साब दल - बल सहित पहुंचे थे सहकारी क्षेत्र के एक बैंक के चेयरमैन का पद भार ग्रहण करने . बैंक का सारा अमला उनके स्वागत में खड़ा था .




बात तब खुद पिरोत जी का भाया ने ही हम लोगों को बताई थी और  संवाद के अनोखेपन के कारण बरसों पुरानी  बात आज दिन तक याद रही इस लिए मैंने इसे दर्ज करना मुनासिब समझा .




नमस्कार और गुड आफ्टर नून .

आपका क़िस्सागो :


नेहरू गार्डन से नमस्कार  🙏

जय भोले नाथ ।🔔🔔

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