Tuesday, 4 April 2017

ब्लॉग पर दर्ज : बनस्थली डायरी - स्मृतियों के चलचित्र ।❤️❤️

Good morning . Private coffee done @ 😊 Gulmohar , jaipur . 

(1)

  पहली फोटो का इतिहास - जिन दिनों जय और छुटकू फोटोग्राफी का अभ्यास किया करते रहे थे तब " पापा इस्माइल " कहे के जवाब में ये थी मेरी फरमाइशी मुस्कराहट .

(2)

   दूसरी एक यादगार फोटो है बनस्थली के 44 रवीन्द्र निवास के बाहर के गुड़हल के साथ हम दोनों की .

इसे कहते हैं : गुनाह बेलज्जत ! ये तो मुझे ज्यादा तस्वीरें साझा करने को मने करती हैं .और मुझे जाने क्या हो गया है मेरा मन करता है अलग अलग काल खंड की तस्वीरें साझा करने को .

सुप्रभात .

सुमन्त पंड्या .

@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .

5 अप्रेल 2016 .*******


चलता हूं , लौटके मिलता हूं , बाय !

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आज का अपडेट :

गए बरस की पोस्ट है  । जस की तस ब्लॉग पर टीप दी है ।

सनद रहे वक़्त ज़रूरत काम आए ।

जयपुर 

बुधवार ५ अप्रेल २०१७ ।



पहली दूसरी फ़ोटो का क्रम उलट पलट हो गया है पर बात तो स्पष्ट है और क्या फरक पड़ता है वैसे भी ।

नमस्कार 🙏

५ अप्रेल २०१७ .

5 comments:

  1. Replies
    1. आभार । ब्लॉग पर कमेण्ट आया बहुत अच्छा लगा ।

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  2. ऐसे कमेंट आता है तो अच्छा लगता है वसुधा । औरों को भी बताया करो ।

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  3. बहुत सुंदर गुनाह सर। फोटो और शब्द, दोनों बहुतायत में डाला करिये सर 🙏 रोली (बनस्थली परिवार से)

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