Good morning . Private coffee done @ 😊 Gulmohar , jaipur .
(1)
पहली फोटो का इतिहास - जिन दिनों जय और छुटकू फोटोग्राफी का अभ्यास किया करते रहे थे तब " पापा इस्माइल " कहे के जवाब में ये थी मेरी फरमाइशी मुस्कराहट .
(2)
दूसरी एक यादगार फोटो है बनस्थली के 44 रवीन्द्र निवास के बाहर के गुड़हल के साथ हम दोनों की .
इसे कहते हैं : गुनाह बेलज्जत ! ये तो मुझे ज्यादा तस्वीरें साझा करने को मने करती हैं .और मुझे जाने क्या हो गया है मेरा मन करता है अलग अलग काल खंड की तस्वीरें साझा करने को .
सुप्रभात .
सुमन्त पंड्या .
@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .
5 अप्रेल 2016 .*******
चलता हूं , लौटके मिलता हूं , बाय !
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आज का अपडेट :
गए बरस की पोस्ट है । जस की तस ब्लॉग पर टीप दी है ।
सनद रहे वक़्त ज़रूरत काम आए ।
जयपुर
बुधवार ५ अप्रेल २०१७ ।
पहली दूसरी फ़ोटो का क्रम उलट पलट हो गया है पर बात तो स्पष्ट है और क्या फरक पड़ता है वैसे भी ।
नमस्कार 🙏
५ अप्रेल २०१७ .
Bahut sunder
ReplyDeleteआभार । ब्लॉग पर कमेण्ट आया बहुत अच्छा लगा ।
DeleteBahut sunder
ReplyDeleteऐसे कमेंट आता है तो अच्छा लगता है वसुधा । औरों को भी बताया करो ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर गुनाह सर। फोटो और शब्द, दोनों बहुतायत में डाला करिये सर 🙏 रोली (बनस्थली परिवार से)
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