ये भिवाड़ी की बातें हैं , गए बरस की बातें हैं . अविरल और असीम दोनों के दोनों यहां आकर बहुत याद आते हैं तो मैं और जीवन संगिनी उनकी ही बातें करने लगते है , वैसी ही भिवाड़ी की एक छोटी सी बात बताता हूं .
आपणो बाज़ार
ये भिवाड़ी का एक ऐसा डिपार्टमेंटल स्टोर है जहां हम लोग अक्सर राशन का सामान लेने जाया करते हैं . एक बार की बात हम लोग स्टोर के रैक्स पर अलग अलग सामान ढूंढ रहे थे , असीम किसी और हिस्से में सामान बखेर रहा था कि एक छोटी सी बच्ची ने मुझे पास खड़ा देख कुछ मदद मांगी लेकिन ‘ अंकल ‘ कहकर संबोधित किया . मैंने बच्ची का मन चाहा तो कर दिया पर एक बात और कही :
“ हम अंकल नहीं हैं , हम नाना हैं बेटा .”
मुझे उस बच्ची को अपनी ये हैसियत बताना जाने क्यों जरूरी लगा , मुझे अंकल कहते तो उसके मां बाप कहते . और मेरे ये बताने का कुछ ऐसा असर हुआ कि बच्ची ने मेरी अंगुली पकड़ ली और काफी देर तक पकड़े रही . ये स्थिति तब बदली जब असीम उधर आया और उसे लगा कि नाना तो किसी और के अधिकार क्षेत्र में चले गए . असीम आया और उसने भी मेरी अंगुली पकड़ ली , खैर ये छोटी छोटी बातें हैं जो बरबस याद आ जाती हैं .
जीवन संगिनी मुझे ज्यादा तस्वीरें साझा करने को मने करती हैं पर मैं ये कुछ तस्वीरें यहां जोड़ने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा सो जोड़ रहा हूं वैसे ही ~ अविरल , असीम और नाना की जैसी भी तस्वीरें यहां उपलब्ध हुईं .
गुलमोहर , शिवाड़ एरिया, बापू नगर , जयपुर .
रविवार 3 जनवरी 2016 .
आज का अपडेट :
ये मौक़े की बात है कि गए बरस आज के दिन जयपुर में थे और इस बार तो आज के दिन भिवाड़ी में ही हैं , बच्चों की भी अभी हाल तो छुट्टियाँ हैं तो मज़े हैं .
गए महीने की बात है बड़ी मज़ेदार :
असीम स्कूल वैन से घर लौटता है , नाना नानी दोनों उसे लेने खड़े हैं और सैम का एक साथी बच्चा दक्ष तपाक से बोलता है :
" आप इत्ता जियादा पियार क्यों करते हो इसको ? "
एक दिन बोला , दूसरे दिन भी ये ही बात बोला नानी ने कहा :
" हम तो तुमको भी इत्ता ही प्यार करते हैं बेटा , आ जाओ ."
पर ख़ैर दक्ष को तो अपने घर जाना था , वैन चली गई , सैम नानी नाना के साथ घर आ गया पर बात अभी भी पूरी नहीं हुई .
अब सैम ये क़िस्सा बड़े मज़े लेकर सुनाता रहता है :
" आप इत्ता जियादा पियार (प्यार) क्यों करते हो इसको ?"
और भी बहुत सी बातें हैं सुनाने लायक पर वो आगे कभी .....
नमस्कार 🙏आशियाना आँगन , भिवाड़ी से .मंगलवार ३जनवरी २०१७.
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