Tuesday, 7 February 2017

" इश्टोरी विश्टोरी " : भिवाड़ी डायरी 📙

   इश्टोरी विश्टोरी : भिवाड़ी डायरी 📙
----------------  🔔🔔
“ आप  इश्टोरी विश्टोरी करते हैं न तो इहे लीजिए  , इस पर इश्टोरी बनाइए कुछ . “
बड़ा अच्छा लगा मुझे जब एक बुजुर्गवार ने किसी एक अखबार की कटिंग देकर मुझे किसी स्टोरी का प्लॉट सुझाया , उस बख़त हम लोग प्रातःकालीन आत्मीय जन सभा से उठकर घर की तरफ आ रहे थे और ये दो बुजुर्ग साथी साथ साथ आ रहे थे . आशियाना क्लब तक आते आते कुछ ऐसा हुआ कि वो स्टोरी का मिला मिलाया प्लॉट मुझ से छिन गया आज वो इत्ती सी बात ही बताता हूं और उससे ही कुछ अनुभव प्रस्फुटित हुआ वो यहां  दर्ज करता हूं .

क्या था कटिंग में  ?
------------------ 😁 जित्ता सा मैंने देखा उस अखबार की कटिंग में कोई दो सिने कलाकार लड़का - लड़की की तस्वीर थी और उसके साथ कुछ गाँसिप लिखी थी , जैसा कि सिने कलाकारों  के मामले में होता ही है . कभी कभी तो ऐसी गॉसिप जान बूझ कर भी फैलाई जाती है .

मुझे तो एक बारगी ये अच्छा लगा कि बुजुर्गवार ने मुझे इस लायक समझा कि जो “ इश्टोरी “ अखबार में छपी हुई ही है  उसमें ही कुछ हीरा मोती लगाकर मैं नई  इश्टोरी बना सकता हूं . और आगे उनके मन में क्या था वो तो वो ही जाणे जो कटिंग दे रहे थे .
बुजुर्गवार ने मुझे कहानीकार समझा ये भी चलो ख़ुशी की बात क्योंकि अभी कहानीकार बनने की राह पर मैं बहुत कच्चा धावक हूं .

मेरी ही मति मारी गई थी
-------------------------    जो मैंने वो गहक कर झेला नहीं जो वो दे रहे थे और ऐसे कह दिया :
“ कल ये अखबार की कटिंग साथ लेते आइयेगा , इस पर कल सभा में विचार कर लेंगे और देखते हैं क्या “  इश्टोरी “  बण सकती है . उधर डागा साब ने वो कटिंग मांग कर अपने पास ये कहकर रख ली कि वो लेते आएंगे अगले दिन . इसके बाद जो हुआ वो अपत्याशित था .

बुजुर्गवार ने क्या किया   ?
“ लाइए हमें वापिस दीजिए , उहू हमने इन्हें दिया था , आपको नहीं !”

ऐसा कहकर उन्होंने  वो अखबार का टुकड़ा वापस लिया , उसके टुकड़े टुकड़े किए और उसे फेंक दिया और थोडा खिन्न होकर  चले गए अपनी राह पर .
कुल निष्कर्ष :  लुब्बो लुबाब . 👏
-----------
१.    गुस्सा नाक पे कोई कोई बुजुर्ग के भी  रहता है .
२.    अपना कहानीकार बनने का योग अभी दूर है ,   देखो तो सही कहानी का मिला मिलाया प्लॉट अपण से छिन गया .
३.  ले दे कर ये एक किस्सा बण पाया जो आपकी सेवा में प्रस्तुत करता हूं .
४. आगे के लिए ये व्रत लेता हूं कि जो कोई  इश्टोरी विश्टोरी का प्लॉट मिला तो झिझकूंगा नहीं , तत्काल हस्तामलकवत् ।
---------
सुप्रभात 🌕
नमस्कार ✋
सुमन्त पंड्या .
@ आशियाना आँगन , भिवाड़ी .
   बुधवार ८ फरवरी २०१७ .

No comments:

Post a Comment