Sunday, 22 July 2018

लैफ्ट हैंडर : भाग चार .

 लेफ्टहैण्डर भाग चार .


आज नैट के पूर्ण असहयोग के चलते अधिक कुछ लिखना संभव नहीं हो पा रहा अतः बाद की बात पहले ले आ रहा हूं .


उस दिन जीजी के सामने मैं तो कुछ न कह सका था .

उन्होंने तो ये तक कहा था कि जब माता पिता का एडजस्टमेंट ठीक नहीं होता तब बच्चे उल्टे हाथ से लिखते हैं .

मुझे उन्होंने काफी नसीहतें भी दी , जो मैं ने सुनी .

बड़ों की बात मैं आदर पूर्वक सुनता ही हूं . वही सीख बच्चों को देता आया हूं .

मैंने यही सीख छोटे वाले को भी दी और सहन करने को कहा . बहरहाल उसका लिखने का तरीका यथावत रहा .

तब लेकिन मैं ये कहां जानता था कि एक दिन इसकी एक लेखक के रूप में प्रतिष्ठा होगी और ये दिल्ली विश्वविद्यालय से पी एच डी की डिग्री लेवेगा .

अब तो ये उसके बचपन की बातें हैं .

आपात स्थिति में प्रातःकालीन सभा स्थगित ...

सुप्रभात .


सह अभिवादन : Manju Pandya .

ब्लॉग पर प्रकाशन और लोकार्पण   २३ -०७ -२०१८.



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