‘ अच्छा है ना सर! चाळे लगे रहते हैं आप ।’
तीन बरस पहले सज्जन * ने तो ऐसे कह दिया था जब मैंने अपनी ये दुविधा यहां दर्ज की थी . आज उठाकर इसे ब्लॉग पोस्ट बणा दिया , देखो तो सही .
* Sajjan Poswal.
सुप्रभात ☀️
नमस्कार 🙏
जयपुर १५ जुलाई २०१८ .
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ये स्मार्टफोन ने तो बजाय स्मार्ट बनाने के चोरंग्या कर दिया .
क्या कहा , " चोरंग्या " क्या होता है ?
मतलब होता है जिसका चारों तरफ ध्यान भटकता हो . ये शब्द मैंने बनस्थली में घरों में काम करने वाली बाइयों से सुना और सीखा था .
चारो तरफ से , विभिन्न उपकरणों और माध्यमों से चले सन्देश सुबह ,दोपहर ,शाम और रात आते जाते हैं कि आदमी इससे अटका रहता है , भटका रहता है .
कोई तदनुभूति वाले और हों तो मैदान में आओ और हिम्मत बंधाओ न स तो अपन तो बन गए चोरंग्या .
फोटो क्रेडिट : Manju Pandya
२०१५ की रचना .
दुविधा ब्लॉग पर प्रकाशित जुलाई २०१८.
छोटी सी बात है पर इसे ब्लॉग पर सचित्र प्रकाशित कर दिया । मेरे संकट से कहीं ज़्यादा रोचक हैं वो टिप्पणियाँ जो आप लोगों ने फ़ेसबुक पोस्ट पर की हैं । आप सब का हार्दिक आभार ।
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