Friday, 27 January 2017

बनस्थली में डिग्री क्लास : एक ।

    #बनस्थलीडायरी #स्मृतियोंकेचलचित्र

बनस्थली में डिग्री क्लास :  तब समझ आई बात .

कभी हाकिम बनने की हसरत नहीं पाली ,  कभी किसी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हुआ , पढ़ाने का काम मिले यही चाहत थी और वह मुझे मिल गया था , मेरे इस निमित्त साक्षात्कार की कहानी भी रोचक है परंतु आज वो घटना याद आ रही है जब मैं पहली बार डिग्री क्लास पढ़ाने पहुंचा , प्रयास करता हूं कि उस घटना का विवरण दे  पाऊं .
ज्वाइन करने के बाद  एम ए  की कक्षा के लिए तो मेरा कमरा नियत था  डिग्री कक्षाओं के लिए मुझे टाइम टेबल मिला था जिसमे कक्षा, पेपर ,  दिन  , पीरियड और कमरा  नंबर संकेतों में लिखे थे . टाइम टेबल को अपने से समझ कर मैं  कमरा पहचान कर  अपने पीरियड में  रजिस्टर लेकर  क्लास लेने  पहुंचा , आज जो विज्ञान मंदिर कहलाता है  तब यह ज्ञान विज्ञान मंदिर कहलाता था और  इसके  कमरा नंबर सात में मैं  गया था सेकिण्ड  ईयर की क्लास लेने . पूछ लिया सेकिण्ड ईयर की लड़कियां वहां मिलीं , नाम पूछना और लिखना मैंने शुरू कर दिया और इसे मैं अच्छी शुरुआत मान रहा था . थोड़ी ही देर में कुछ ऐसा हुआ कि यह शुरुआत ही स्थगित हो गई  .
क्लास भरी हुई थी , लड़कियां बैठी  हुईं थीं कि तभी एक और लड़की दरवाजे पर आकर  खड़ी हुई और उसने  " मे आई कम इन सर " कहकर  क्लास में आने की इजाजत  मांगी . क्लास में बैठी लड़कियों से भिन्न इस लड़की ने साड़ी पहनी हुई थी पर इस पर भी मैंने ख़ास ध्यान नहीं दिया और " यस " कह दिया . मैं तो पढ़ाने गया था और पढने वाली लड़कियां क्लास में आकर बैठेंगी ही सो वो भी बैठ जायेगी यह उम्मीद थी , हुआ इससे इतर  इस लड़की के आने पर क्लास में बैठी सब लड़कियां खड़ी हो गयीं  तब मुझे खटका हुआ . पता चला कि नई आई लड़की  इतिहास की प्राध्यापिका थी  और वो क्लास भी उसी की थी  मैं टाइम टेबल से गलत समझ कर आ गया था और बात को समझकर मुझे वहां से हटना पड़ा .

गड़बड़ कहां हुई  ? क्लास रूम भी वही था, क्लास भी वही थी , टाइम टेबल का पीरियड भी वही था बस दिन वो नहीं था . सप्ताह के पहले तीन दिन और सप्ताह के   आख़िरी तीन दिन जो संकेतों में लिखे थे  वही समझने में गड़बड़ हो गई थी . सारी दुनियां में सप्ताह की शुरुआत बाइबिल के अनुसार प्रावधान के अनुरूप सोमवार से होती है  , रविवार छुट्टी का दिन होता है . बनस्थली में सप्ताह बुधवार से  शुरू होता है और  मंगलवार  छुट्टी का दिन होता है . अपने लगभग चार दशक के सेवा काल में इस साप्ताहिक व्यवस्था का खूब अभ्यस्त हो गया पर तब नया नया था  अतः चूक हो गई और क्लास से बाहर आना पड़ा .
समर्थन और सहयोग : Manju Pandya .

सुप्रभात
Good morning .

सुमन्त
गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .

#Banasthali .

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