Friday, 6 January 2017

लिफ्ट के इर्दगिर्द : भाग तीन : भिवाड़ी डायरी .🎎

   

लिफ़्ट के इर्दगिर्द : भाग तीन : भिवाड़ी डायरी .🎎

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लिफ़्ट से शुरु हुई बात लिफ़्ट तक सीमित न रही और बात इधर घर आकर जारी रही साथ ही अगले दिन बग़ीचे में आई बात वो मैंने पिछली कड़ी में बताई ही थी . वही बात बिंदुवार आगे बढ़ाता हूं :

ज़हां चर्चा छोड़ी वहाँ एक महत्वपूर्ण प्रश्न था ,” आप बेटी के घर क्यों रहते हो ?”

५.

“ आप बेटी के घर क्यों रहते हो ?”

वैसे तो ये बड़ा सीधा सा सवाल है , जितना सीधा सा ये सवाल है उतना  ही सीधा सा उत्तर भी दिया जीवन संगिनी ने जो कि उचित ही मानूँगा मैं तो . इसके लिए जीवन संगिनी का आभार .

पर प्रश्न की समीक्षा भी आवश्यक है क्योंकि प्रश्न के पीछे कुछ दृढ़ मान्यताएँ हैं

पहले एक पुराना प्रसंग बात को समझाने के लिए . बनस्थली में रवीन्द्र निवास में हमारे सामने वाले घर में शर्मा परिवार रहता था और हमारा छोटा वाला जब गोद में खिलाने लायक था तब प्रायः वहीं पाया जाता था . इस साँवले बच्चे को भाभी जी गोद में लिए रहतीं और इधर उधर डोला लातीं .

एक दिन मोहल्ले की एक और भाभी जी ने मिसेज़ शर्मा को कहा  :

“ काहे को लदे रहती हो इस काले कलूटे को ?”

( ये ल्लो मेरा साँवला सलोना उनको काला कलूटा लगा ! ख़ैर )

और तिस पर  मिसेज  शर्मा का बड़ा सीधा सा उत्तर था , उनकी अपनी बोली में :

“ मोहे अच्छो लगै .”

बड़ा सीधा जवाब कि मुझे अच्छा लगता है . दो टूक बात - हिसाब साफ़ .

ये तो हुई एक तीस साल  पुरानी बात कि अटपटे सवाल का जवाब कैसे दिया जाए .

अब विचाराधीन सवाल का जवाब :

“ आप बेटी के घर क्यों रहते हो ?”

“ क्योंकि हमें अच्छा लगता है .”

इतना ही जवाब दिया जीवन संगिनी ने , जैसा कि मुझे बताया गया .

क्यों तो कोई इत्ता खोदा खोदे और क्यों ऐसे सवालों के बहुत खोल के जवाब दिए जाएँ ये ही सोच रहा जीवन संगिनी का . लोग तो सवाल दर सवाल करते ही हैं वो बात भी सम्भव हो गया और तारतम्य बैठ गया तो बताऊँगा आगे .

अभी हाल के लिए प्रश्न की समीक्षा .

६ .

उपर्युक्त प्रश्न में ये मान्यता छिपी हुई है कि अगर आप बेटी के घर रहते हुए पाए जाते हैं तो इससे सहज निष्कर्ष निकाल लिया जाता है कि आप मजबूर हैं और आपके पास कोई और ठोर ठिकाना नहीं है . जो साधिकार बेटों के पास हैं वो अपने को एक पायदान ऊपर समझते हैं .

ये बात है ही ऐसी कि और विस्तार माँगती है .

अधूरी रही बात अलबत्ता पर समयाभाव के कारण

प्रातःक़ालीन सभा स्थगित …

सुप्रभात

नमस्कार

सुमन्त पंड़्या .

@ आशियाना आँगन , भिवाड़ी .

शनिवार ७ जनवरी २०१७.

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