Sunday, 8 January 2017

लिफ्ट के इर्दगिर्द : भाग चार - भिवाड़ी डायरी .

 
  लिफ़्ट के इर्दगिर्द -भाग चार : भिवाड़ी डायरी .🌻🌻
-----------------    ---------    ---------------
बात आशियाना आँगन में हमारे टावर की लिफ़्ट से शुरु होकर यहां घर और बग़ीचे तक गई और इसी बहाने उत्तर भारत के देहाती समाजशास्त्र पर कुछ विचार करने का मौक़ा मिला .
तीसरी कड़ी में बात अटकी थी कि आप बेटी के घर क्यों रहते हो और वो सवाल जवाब बताए ही मैंने .
अब वो ही प्रसंग आगे :
७.
बात आई  थी कि जो बेटों के पास रह रहे हैं या जिनके पास बेटे रह रहे हैं , कैसे ही कह लो , उनके तो सुर्खाब के पर लगे हैं क्योंकि ये तो होती करती / होती आई रीत है पर जो बेटी के घर रहते हैं वो तो दोयम हैं ,कुछ तो लोचा है उनके साथ कि वो ऐसा करने को मजबूर हैं . इस मानसिकता से जुड़ी हुई कुछ छोटी छोटी बातें हैं जिनसे ये बात और साफ़ होवेगी . ये बातें घर , बाहर , नई पुरानी बातों को जोड़कर बताने का प्रयास होगा यहां .
८.
मैं भारत के गाम देहात में चार दशक रहा और ग्रामीणों से बहुत कुछ सीखा भी . उनके बोलने बतलाने में भी बहुत सी बातें प्रतिबिम्बित होती हैं . जैसे ‘ बेटी का बाप ‘ कहन में  बहुत बार बरता जाता है , चाहे कोई बेटी का बाप हो या न हो यदि कोई उसे  बेटी का बाप कह रहा है तो माने ये हैं कि उसे कमज़ोर कह रहा है . आप यूँ न समझें तो बानगी देखिए एक वाक्य में :

“ तू बेटी का बाप थारी तो काँई बस की ही क़ोनै !”
( बेटी के बाप तेरी तो कुछ सामर्थ्य ही नहीं है !)
माने कमज़ोर की उपाधि ‘ बेटी का बाप .’
८ .
अब  ‘ प्राउड फ़ादर ‘ वाली बात .
गाम  देहात में बच्चों की गणना वाला क़िस्सा तो आगे आएगा जिसकी यहां भिवाड़ी में भी पुष्टि हुई , कैसे वो भी बताऊँगा पर पहले एक और बात :
बनस्थली में मेरे सेवाकाल के अंतिम दशक में रिसर्च बाबत एक वर्कशाप  हुई जिसमें तीन मुंबईया प्रोफ़ेसरान भी आई हुईं थी . इत्तफ़ाक़ कि तब हम बाप बेटी एक ही फ़ैकल्टी में पढ़ाया करते थे .
देहाती अपने बच्चे को अपना नहीं बताता , कहेगा ,” आप का बच्चा है .” ये ही आदत मैंने भी सीखी थी .
मुंबई की एक प्रोफ़ेसर ने महिमा को वैलेडिक्टरी सेशन में बोलते देखा और सेशन के बाद चाय के दौरान उसकी तारीफ़ की . मैं वहीं था और कह बैठा , “ आप की बेटी है ..” करके बात  शुरु की .
उनके समझ में ही न आवे बात !  वहीं डाक्टर  अरुणा वत्स खड़ी थीं और उनने ये बात ऐसे  समझाई ,”शी इज हिज ड़ाटर .”  अब आई उनकी समझ में बात  और तब वो जो बोलीं वही आज दोहराता हूं . वो बोली थीं:
“  देन यू मस्ट बी ए प्राउड फ़ादर  .”
इस लिए अब मेरे शब्दकोश में ‘ बेटी का बाप ‘ का अनुवाद है ‘ प्राउड फ़ादर .’

९.
अब ये बच्चों की गणना वाला क़िस्सा बताने का समय तो बचा न दीखै लम्बी बात संभव नहीं लगती अभी , ऐसे में पोस्ट को रोकने के बजाय मैं इसी नोट पर रुकता हूं :

मेरे शब्द कोष में बेटी का बाप माने प्राउड फ़ादर .
मैं हमेशा कहता हूं  :” माई सपोर्ट फ़ार द गर्ल चाइल्ड .”
हो सके तो दंगल देखो  “ म्हारी छोरियाँ छोरों से कम हैं के ? “
मेरी मानस पुत्रियों को इसमें शामिल मानें .

नमस्कार  🙏
प्रातःक़ालीन सभा स्थगित …..

सुमन्त पंड़्या .
@ आशियाना आँगन , भिवाड़ी .
रविवार ८ जनवरी २०१७ .
#स्मृतियोंकेचलचित्र #भिवाड़ीडायरी #बनस्थलीडायरी #sumantpandya

No comments:

Post a Comment