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#लम्बरदार_स्कूल_की_याद : भाग चार .
------------------------------------------ पिछली तीन पोस्ट में बात यहां तक पहुंची थी कि मैं उदयपुर के लम्बरदार हायर सैकेण्डरी स्कूल का प्रधान मंत्री चुन लिया गया . तीसरी पोस्ट के अंत में मैं यह कह बैठा था कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी था और कि ‘ पिक्चर अभी बाकी है ….’ आज उसी बात को आगे बढ़ाने का प्रयास करता हूं .
वैधानिक प्रावधान ~
~~~~~~~~~~~ मैं प्रधान मंत्री तो चुन लिया गया , साथ ही विधान में ये भी प्रावधान था कि प्रधान मंत्री पद के लिए चुनाव हारने वाले उम्मीदवार को विरोधी दल के नेता का दर्जा दिया जाएगा .
प्रावधान के अनुसार ये अवसर जॉन फ्रांसिस को मिलना चाहिए था चाहे उसे एक ही वोट मिला हो . आखिर वो प्रधान मंत्री पद के लिए चुनाव हारा था . इस प्रसंग में हैड मास्टर साब ने ये फैसला किया कि हमारे स्कूल में कोई विरोध की राजनीति नहीं होगी इस लिए कोई विरोधी दल का नेता भी नहीं होगा .
हां , जॉन फ्रांसिस ने चुनाव लड़ा था और इस लिए इस सर्वानुमति की राजनीति में उसे भी कोई पद अवश्य मिलना चाहिए . सोहन लाल जी माट साब ने हैड माट साब की ये इच्छा मुझ तक पहुंचाई कि जैसा विधान में प्रावधान था, एक संसदीय सचिव की नियुक्ति होनी थी , प्रधान मंत्री पद ग्रहण करने के बाद इस पद पर नियुक्ति के लिए मैं फ्रांसिस के नाम की सिफारिश कर दूं . ऐसा ही हुआ और पदेन अध्यक्ष के नाते हैड माट साब ने जॉन फ्रांसिस को संसदीय सचिव नियुक्त कर दिया . सर्वानुमति और वैचारिक मामलों में समन्वय की सीख मुझे वहीँ से मिली .
अब जो कुछ विरोध था वो मंत्रिमंडल में ही समाहित था , उसकी गूंज संसद तक नहीं पहुंच रही थी , संसद के समक्ष पूरा मंत्रिमंडल एकजुट था .
इस प्रकार सत्र उन्नीस सौ बासठ - तिरेसठ के दौरान लम्बरदार स्कूल की तमाम मंचीय गतिविधियों में मैं लिप्त रहा. धूम धाम से वार्षिकोत्सव मना.
पारस्परिक सहयोग कैसे आयोजन को सफल बनाता है इसका एक उदाहरण याद आता है . मैं चिंतित था कि शहर भर में वार्षिकोत्सव के निमन्त्रण पत्र बटेंगे कैसे . सोहन लाल जी माट साब ने इसका सहज समाधान कर दिया . वे पते लिखे हुए निमंत्रण पत्र प्रत्येक विद्यार्थी को पांच -पांच सौंपने लगे इस निर्देश के साथ कि पता लिखे स्थान पर पहुंचा कर आवें और इस प्रकार शहर भर में निमंत्रण पत्र सहज बंट गए .
इस सन्दर्भ और उस समय के बारे में बहुत कुछ कहना अभी भी बाकी है पर प्रातःकालीन सभा के लिए उपलब्ध समय सीमा समाप्त हो रही है .
क्षमा प्रार्थना के साथ प्रातःकालीन सभा स्थगित ..
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सुप्रभात .
सहज अनुमति और समीक्षा: Manju Pandya
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सुमन्त पंड्या.
@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर . जयपुर .
12 नवम्बर 2015 .
अपडेट आज का : 8 नवम्बर 2016 .
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आज इस संस्मरण की चौथी कड़ी फिर से प्रकाश में लाने का प्रयास है जिससे क्रम बना रहे .
#स्मृतियोंकेचलचित्र #उदयपुरडायरी #sumantpandya
सुमन्त पंड्या
@ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .
मंगलवार 8 नवम्बर 2016 .
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आज संस्मरण की चौथी कड़ी ब्लॉग पर प्रकाशित —
बुधवार ८ नवम्बर २०१७ .
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