ये तो गए बरस की बात है : ना इंसाफी अभी भी वैसी है .
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#sumantpandya
💐💐 ये गए बरस की आज के दिन की डाक है जो अभी फेसबुक दिखा रहा है इसे यहां पेस्ट करता हूं और फिर कहता हूं जो कहने की बात है . इस पत्र की प्रेषक हैं अरुंधती घोष , जिनसे मैं रूबरू अभी मिला नहीं पर पर भरोसा दिलाता हूं मिलेंगे जरूर .
तो वो क्या कहती हैं देख लीजिए :
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Sumant ji maine to socha tha aap dungarpur mein rehte hai aur yeh soch ke mai to aa gaya yahan pe. Lekin aap to nahi hai yahan pe!!!!. Bahot nainsafi hai .
लिप्यान्तरण :
------------ सुमन्त जी मैंने तो सोचा था आप डूंगरपुर में रहते हैं और ये सोच के मैं तो आ गया ( आ गई ) यहां पे . लेकिन आप तो नहीं हैं यहां पे !!!! . बहोत नाइंसाफी है .
*****अरुंधती घोष .
( अब बांगला भाषियों की हिंदी इसी प्रकार की होती है - सुमन्त . )
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अगर वो सोचती हैं कि मैं डूंगरपुर में रहता हूं तो सही ही सोचती हैं , जहां अपने बच्चे रहते हैं मां बाप को वहां रहना चाहिए और इस तर्क से मेरा एक स्थाई पता डूंगरपुर का भी बनता है , हिमांशु और प्रज्ञा जहां हैं वहां मैं और जीवन संगिनी तो इन अब्सेंशिया हैं ही . पर साक्षात नहीं मिले तो हो गई नाइंसाफी .
इससे याद आया के एक बारी को जाना ही है डूंगरपुर . इस बात में जिनका हवाला है वो Himanshu Pandya और Pragnya Joshi ।
पर एक बात और भी तो है , ये व्यवस्था इन्हें ही कौनसे डूंगरपुर में चैन से रहने देती है कब फलौदी जाने को बोल देवे पता थोड़े ही है इस बात का . अब ये तो राज काज है
" जेही बिध राखै राज तेही बिध रहिए ." तुलसी दास के लिखे का थोडा रूपांतरण किया है मैंने .
अभी भिवाड़ी में हैं तो बहुत लोग सोचते हैं मैं यहीं रहता हूं तभी तो पूछते हैं , " कहीं चले गए थे क्या ? " अब किस किस को समझाऊं कि कहां चले गए थे . अब छोटा वाला भी तो चाहेगा कि दिल्ली आ जावें उसका क्या?
इस सब में पुणे , मुम्बई और उदयपुर तो छूटे ही जा रहे हैं उसका क्या ? यहां भी मेरा रहवास है , दूतावास है , उसका क्या ?
तो अभी तो एक ही बात है
भेळे होते हैं शिवाड़ एरिया , जयपर में और करते हैं शिखर सम्मेलन .
इसमें कोई नाइंसाफी नहीं है
अब लेखन में बाधा है अतः प्रातःकालीन सभा स्थगित ..
****** टी ब्रैक .
सुप्रभात
सुमन्त पंड़्या
मंजु पंड़्या
@ आशियाना आँगन , भिवाड़ी .
मंगलवार 17 मई 2016 .
आज सहेजे ये स्मृतियों के चलचित्र और अरुंधती की शिकायत के बहाने कह दी अपनी बात । आज दिन दिल्ली में हैं और यही है अपना घर इस बख़त ।
दिल्ली से सुप्रभात ।🌻
नमस्कार 🙏
बुधवार १७ मई २०१७ ।
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