Friday, 26 May 2017

जनता स्टोर के क़िस्से : स्मृतियों के चलचित्र 


जनता स्टोर : कल परसों की बात और आगे

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 कल टी ब्रैक के चलते बात जहां छोड़ी थी वहीँ से आगे चलें ...

अब उस चौक में अपने भतीजों का घाटा नहीं है . राहुल की डेयरी पर जाते पैली आवाजें आने लगती हैं :

" ताऊ जी ढोक !" 🙏

" ताऊ जी ढोक ! " 🙏

मैंने तो दो बार ही मांडा है , ऐसा तो सारे छोरे बोलते हैं .

उस दिन राजू तो काउंटर पर टॉफी लेकर ही खड़ा हो गया के ताऊ जी बड़े दिनों बाद आए . अब ताऊ भी क्या करें और जगह भी तो बच्चों के पास जाना पड़ता है . फोटू जोड़ूंगा राजू की , देखिएगा .

दुनियांदार भी देखते रह जाते हैं के ये कौन ताऊ आ गए जो इनकी ऐसी आव भगत हो रही है .

अटके भटके बनस्थली की पुरानी लड़कियां भी यहां नई भूमिका धारण किए मिल जाती हैं वो बात आगे किसी पोस्ट में बताऊंगा .

अब उठने का समय हो रहा है अतः मीडिया पर पहला सन्देश फेसबुक पर भी दर्ज :


Good morning & private coffee done @ Gulmohar camp .☕.

सुप्रभात .

सुमन्त पंड्या

जयपुर 

गुरुवार 26 मई 2016 .

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आज दिन दिल्ली से ब्लॉग पर प्रकाशित ये क़िस्से का  पुछल्ला  ।

शुक्रवार २६ मई २०१७ ।

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