गुनाह बेलज्जत : सुप्रभात पोस्ट
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एक ही झक्क है , सुबह उठना कॉफी पीना और फेसबुक पर कुछ न कुछ मांड देना जिस पर बात चले , संवाद चले और ऐसे लगे कि दूर दूर बैठे अपने लोग भी अपने साथ हैं , वे यहीं कहीं हैं और अपनी चौपाल जैसी लगी है .
तो इस में दिक्कत क्या है ? करो न अपने मन की !
दिक्कतें कई हैं , मन करता है पोस्ट के साथ फोटो हो तो बात पर ध्यान जाएगा और फोटो जोड़ी जाए पर कभी तकनीकी बाधाओं के चलते होते छते फोटो नहीं जुड़ पाती , कभी सेंसर बोर्ड की मनादी आ जाए और कभी कभी तो फोटो के मायने ही बदल जाएं . जैसे कल की ही बात परसों की तैयार की फोटो कल छानै सीक जोड़ी तो उसमें गुस्सा दीखने लगा . अब बोलो गुस्सा करना तो मैं कभी का छोड़ चुका पर अपनी ही शकल अपने से ही बिगाड़ ली , ये क्या बात हुई .
सेंसरबोर्ड यों तो बड़ाई भी करे औरों के सामने ," तुम्हारे काका " , " तुम्हारे फूफाजी "," तुम्हारे जीजाजी "
करके लेकिन इधर अपुन को जब चाहे लताड़ देवे . कभी कभी तो स्मार्टफोन का स्पर्श भी दंडनीय अपराध बन जावे . ऐसे में प्रातःकालीन सभा की ये थोड़ी सी फुरसत ही बच रहे जिसका लिखा ही होवे ," जो बिंध गया सो मोती " ✍🏼
और ये नैट साथ देवे तो देवे न देवे तो लिखा उड़ जावे और किया कराया बट्टे खाते .
ऐसे में ये है आज का " गुनाह बेलज्जत पोस्ट स्टेटस " इसके साथ जोड़ूंगा ढूंढ ढांढ कर कोई एक सेल्फ़ी .
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सुप्रभात.
समीक्षा प्रभार Manju Pandya
सुमन्त पंड्या .
@ आशियाना आंगन , भिवाड़ी
शुक्रवार 13 मई 2016 .
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आशियाना आँगन भिवाड़ी में गए बरस लिखी थी ये पोस्ट । कमोबेश यही स्थिति आज है । आज दिन मुखर्जी नगर , दिल्ली से प्रकाशित कर रहा हूं ये पोस्ट ।
दिल्ली
शनिवार १३ मई २०१७ ।
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