Friday, 10 March 2017

ओ हो हो : जयपुर डायरी .

ओ हो हो ! 😊 #sumantpandya -----------    “ बुआ जी ! ये जो फेसबुक पर आपका खाता है , उसमें आप लिखती हो क फूफाजी लिखते हैं ? “ हर्षिता पूछती है जीवन संगिनी से .  और वो सही बात पूछती है क्योंकि ऐसा भी होता है , होता ही है कई मामलों में . पत्नी के नाम से फेसबुक खाता खोल लेते हैं लोग और अपनी भड़ास उसी खाते पर निकालते रहते हैं , अपने ख़ास मिलने वालों तक में मैंने ये बात देखी है गए दिनों . खैर जाने दीजिए उस बारे में अभी बात करना अभीष्ट नहीं है . अभी वो ही हर्षिता की पूछी बात . मैंने पूछा के तुझे क्या लगता है हर्षिता ? तो उसने तो वही बात दोहरा दी के आप ही लिख देते होओगे करके . पर जवाब मैंने नहीं हर्षिता की बुआ ने ही दिया फूफू तो खड़े देखते रहे खाली . “ मेरे फेसबुक खाते पर मैं खुद लिखती हूं और नहीं तो क्या ? “ ऐसी हुई बात उस दिन ब्रह्मपुरी में बुआ भतीजी के बीच . चलो ये तो हिसाब साफ . जीवन संगिनी अपनी मर्जी की मालिक हैं , वैसे ये बात दीगर है कि अधिकतर मामलों में हमारी दोनों की राय एक जैसी बनती है और चीजों को कम्पोज करने में एक दूसरे के मददगार भी होते हैं . पलड़ा भारी तो जीवन संगिनी का ही होता है क्योंकि उनको मेरे निजी सेंसर बोर्ड का दर्जा भी अलग से प्राप्त है . हर्षिता - बुआ संवाद के बहाने बन गई आज की पोस्ट और मैं सत्यापित करता हूं कि सब बात सही सही कही गई है . जो बात हर्षिता को बताई उस बात से आप सब भी सूचित होवें . सुप्रभात . सेंसर बोर्ड :Manju Pandya ------- सुमन्त पंड्या . @ गुलमोहर , शिवाड़ एरिया , बापू नगर , जयपुर .   शुक्रवार 11 मार्च 2016. #स्मृतियोंकेचलचित्र #जयपुरडायरी  फिर होवे चर्चा आज दिन ११ मार्च २०१७ . जयपुर डायरी ब्लॉग पर प्रकाशित  ११ मार्च २०१७ . -----------------------------------------

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