यो ताल कटोरो छै न यो तो घी को हो जायलो ,
हाथी टीबो चून को हो जायलो ,
भूरो टीबो बूरा को हो जायलो .
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आपां सब चूर्यूं कर कर अर ख़ावां ला ,
अर ईं काण्या न को द्यां नै .
“ हैं साळाओ थे मन्नैं क़ैंया कोनै द्योला …? “
और काण्या लड़ने लगता है ।
ऐसे होता है रम्बाद शुरू ..........
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और इस क़िस्से के बाद कोशिश की है आपके किस्सागो की फ़ोटो जोड़ने की
जीवन संगिनी मंजु पंड़्या से क्षमा याचना के साथ
उनसे पूछे बिना बरत ली आज सुबह की मोती पार्क की फ़ोटो .
३ मार्च २०१७.
रंबाद शुरू ….
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