"ये तो बार की बात छै माट साब ." #sumantpandya
अक्सर मेरी जबान पर जो पुरानी कही या सुनी बात एक कहावत के रूप में आ जाती है उनमे से एक यह भी है ," ये तो (अ) बार की बात छै माट साब ! फेर आगै तो ..." इस का अभिप्राय यह है कि माट साब ये तो अभी हाल की कुछ परिस्थितिजन्य बात है अन्यथा तो क्या कुछ होने वाला है उसका शायद आपको भान भी नहीं होगा .
कहन का उद्भव और चलन :
बनस्थली की पुराने वक्तों की बात है . एक स्थानीय कार्यकर्त्ता छोटा सरवण ( बदला हुआ नाम ) मेरे बहुत संपर्क में आया . वो समय समय पर प्याऊ लगाने जैसे लोकोपकारक कामों के लिए अंशदान भी ले गया . एक दिन की बात वो कुछ रुपए उधार मांगने की गरज से 44 रवीन्द्र निवास में आया हुआ था और शायद मैं कोई रकम दे ही बैठता कि अचानक ब्रदर शिव बिहारी माथुर साब वहां चले आए . परिस्थिति को भांप कर वो मुझसे बोले :
" डोंट एंटर इंटू ऐनी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन विद दिस मैन ."
मैं संभल गया और लेनदेन से पीछे हट गया . काम बिगड़ता देख छोटा सरवण कुछ खीजा तो सही ही पर ऊपर से बड़ा चमत्कारिक बोल बोला जो इस प्रकार थे :
" ये तो बार की बात छै माट साब , फेर तो म्हारै कनै ही रिप्या आ जायला , थे भलांई म्हारै कन्नै हजार रिप्या ले लीज्यो !"
बड़े जबरदस्त आत्मविश्वास से वो जो बोला उसका अभिप्राय यही था कि आगे तो उसके पास रुपए आने ही वाले हैं चाहे तो मुझे हजार रुपए भी दे देगा ये तो अभी हाल उसे कुछ सौ पचास रुपए की कोई जरूरत आन पड़ी है . उस दिन तो बट्टे खाते रुपए गंवाने से ब्रदर ने मुझे बचा लिया था पर मेरी अभिव्यक्ति में ये कहावत जरूर जुड़ गई और चल पड़ी :
" ये तो बार की बात छै माट साब......" ~~~ 'माट साब' आदि बनस्थली का एक ऐसा आदर सूचक सम्बोधन हुआ करता था जो प्रोफ़ेसर प्रवीनचंद्र जैन से लेकर मुझ जैसे तक सभी के लिए प्रयोग किया जाता था . माट साब की एक कहानी अगली किसी पोस्ट में बताऊंगा . वास्तव में नसीब से बनते हैं 'माट साब'. ~~~~~
सहयोग और कथा समीक्षा : Manju Pandya #बनस्थलीडायरी
सुप्रभात . Good morning .
आशियाना आंगन , भिवाड़ी . 23 मार्च 2015 . ************* गुलमोहर कैम्प जयपुर से सुप्रभात 🌅 आज इस किस्से को ब्लॉग पर स्थानांतरित करता हूं । २३ मार्च २०१७ . *************
Rochak kissa ki kaise Kisi aur ka jumla kabhi kabhi hamare takiyakalam ban jata hai. Ye toh baar ki baat chhe maatsaab ki blogging Kon aave. Aage toh the Jano mharo bhi kabhi blog hovego
ReplyDeleteआभार गरिमा , बहुत सही से कमेंट दिया ।अपना ब्लॉग बनाओ ठीक रहेगा ।
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